आज के दौर मैं जॉब मिलना भी एक बड़ी बात है और उसे टिकाकर रखना यह उससे भी ज्यादा जरूरी है।
किसी कंपनी मैं हम काफी अच्छा कमा लेते है पर उससे भी अधिक महीने की तनख्वा वाली ऑफर मिल जाय तो हम उसे स्वीकार कर लेते है ऐसे मैं काफी लोगो के जीवन मैं परिवर्तन हो जाता है कुछ लोग तरक्की की सीढी चढ़ कर एक मुकाम हासिल कर लेते है, पर कुछ लोग नई जॉब मिलने पर काफी संतुष्ट नहीं होते कैसे भी कर कर वह उससे निकल कर पुरानी कम्पनी मैं चले जाते है या फिर दूसरी नई कंपनी मैं जाना पसंद करते है।
ऐसे मैं हमे जब कोई नई ऑफर मिले तब हमे उस कंपनी के बारे मैं जान लेना जरूरी है हो सके तो दो दिन छुट्टी रखकर नई कंपनी के बारे मैं जान ले उसका पेमेंट स्ट्रक्चर, टाइम, उसके नियम यदि आप मार्केटिंग मैं हो तो उसका ट्रेवलिंग अलाउंस के बारे मैं जान ले क्योंकि काफी कंपनिया आपको अपने महीने की तनख्वा से ही आपको आने जाने के लिए खर्च करवाएंगे जब देने का वक्त आता है उस वक्त वह ट्रेवलिंग अलाउंस दो महीने तीन महीने लगा देते है।
साथ ही मैं आप को अपनी तनख्वा का जो महीने का इस्तमाल करना होता होगा घर मैं उसे कटौती करनी पड़ सकती है या फिर क्रेडिट कार्ड के बिलों मैं ज्यादा व्याज देने की नोबत ना आ जाए। किसी भी कंपनी को कोई अधिकार नहीं है की वह कंपनी के काम के लिए आपको अपने ही जेब से खर्चा करने के लिए एक कहे। कंपनी को एडवांस देना होगा या फिर आपके ट्रेवलिंग का जो भी खर्चा आपने अपने ही जेब से करा होगा तो उसे सप्ताह, 15 दिनों मैं, या फिर महीने के अंत तक दे देना चाहिए।
यदि यह गलती आप करते हो किसी दिन आपको अपनी जरूरत के लिए कंपनी से बार बार मिन्नते करनी पड़ेगी। जैसे जरूरत की बात की जाय किसी कारण हॉस्पिटल का खर्च, बच्चो का फीस, दवाई किसी भी अन्य जरूरत के लिए आप बुरे फस सकते हो।
मान लो आपकी महीने की तनख्वा रू 30000 हो और आपका कंपनी का खर्च रू 20000 हो तो आप कमा रहे हो सिर्फ रू 10000 जो एक मजदूर भी काफी अच्छे तरीके से बिना टेंशन लिए कमा लेता है। बीना सोचे समझे कभी भी जॉब को स्विच ना करे जिससे आप को अपना सब कुछ खोना पड सकता है महंगा।
सोचे, समझ ले, जान ले बाद मैं ही निर्णय ले क्योंकि यह आपके भविष्य को खतरे मैं डाल सकता है बाकी निर्णय आपका है।