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ज्योतिष शास्त्र हो या कोई विद्वान भी आपको यह नही बताएगा की आपकी पीड़ा ये कैसे दूर हो सकती है।
किसी ज्योतिष से अपनी कुंडली बताओगे तो आपको हमेशा कहेगा की राहु का दोष है उसके लिए उपाय करने होंगे या तो आपसे पूजा कर ने के लिए कहेगा।
क्या पूजा कर लेने से समस्या दूर हो जाती है, कतई नहीं। पूजा कर लेने या राहु का नंग धारण करने से आपतिया कुछ कम हो सकती है पर हमेशा के लिए खतम नही होगी।
वास्तविक तो यह है की इन्सान आए दिन गलतियां करता है पर उसे याद नहीं रहता की गलती कहा कि है।
क्या आपके जीवन में कुछ ऐसा हो रहा है…..
जैसे की..
घर में झगड़े होना, पैसों की कमी, पत्नी से वाद विवाद, अपने ही मित्र से ही कुछ अन सुनी होना, नोकरी ना होने से घर वाले भी लड़ झगड़ रहे है, कभी मन में आता है की आत्म हत्या कर लूं या फिर जीवन में सभी को छोड़कर कही दूर चला जाऊ, बार बार किसी के पास किसी न किसी कारण वश पैसे मांगने पड़ते है और हर बार दूसरो की बात सुन लेनी पड़ती है। नोकरी तो है पर जीवन में संतुष्टि नहीं है।
क्या यह सब कुछ आपके साथ हो रहा है?
इसके कारण आप काफी बार अपने कुल देवी देवता के दर्शन करना या ज्योतिष के पास अपने सवाल रखना उनसे उपाय का सुझाव लेना या अपने गुरु के दर्शन करने जाना यह सब आपको कुछ समय के लिए ही आपके जीवन को बदलाव कर सकते है पर पूरे तरीके से जीवन को सुधार नहीं सकते।
हमारी कुंडली में नव ग्रह होते है और नक्षत्र भी, इन नव ग्रह में दो ग्रह महत्वपूर्ण है जिन्हे देवताओं ने हमारे जीवन काल में जो भी गलतियां करेंगे उसके लिए हमे सजा दे सकें, जब वह ग्रह सजा देते है तब ना ही गुरु साथ दे सकता है और नाही कुल देवी देवता ।
उन्हें जान ले की वह ग्रह कोन कोन से है?
शनि ग्रह और राहु ग्रह यह दोनो ग्रह हमे अपनी गलतियों के आधार पर सजा देते है।
वह ऐसी गलतियां है जो जाने अनजाने में कर देते है जिसे हम समझ तो लेते है पर उस का क्या प्रभाव पड़ेगा हमारे जीवन में यह हम कभी जान नेकी कोशिश भी नहीं करते।
जभी हम प्रकृति के खिलाफ खराब वर्तन करते है तब यह दोनो ग्रह हमे सजा देते है। जब यह सजा दे रहे हो तो कोईभी देवी देवता या गुरु भी मदत में नहीं आता।
जैसे कि… किसी पेड़ को काटना, किसी पौधे को हानि पोहचाना, किसी पेड़ के पास जाकर शौच कर ना, थूकना, रास्ते में चलते समय हो या फिर वाहन चलाते समय रास्ते पर कचरा फेंकना, घर को गंदा रखना, साफ सफाई न करना, किसी भी मदीर या मठ के पास गंदकी करना, न्यायालय का अपमान करना, किताबे या पाठयपुस्तक का नाश करना, स्त्री का अपमान या दूर व्यवहार करना, ऐसे कई an गिनत बाते है जिनके बारे में हम सोचतेही नही ।
आने वाले कल को खुद खराब कर लेते है।
और भी जान कारी के लिए आप मुझे कॉमेंट भी कर सकते है
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