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RBI ने अपने अधिकार क्षेत्र के तहत अन्य कानूनों के साथ-साथ बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के तहत पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को नए ग्राहकों के बैंक खाते पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का निर्देश दिया है। पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) का गठन अगस्त 2016 में हुआ था और इसने मई 2017 में औपचारिक रूप से अपना काम शुरू किया था।

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) पर एक प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध बैंक द्वारा नए ग्राहकों को जोड़ने पर लगाया गया है। RBI ने ताजा आदेश में कहा कि उसका यह आदेश मैटेरियल सुपरवाइजरी से जुड़ी कुछ चिंताओं पर बेस्ड है, जिन्हें केंद्रीय बैंक द्वारा देखा गया। आदेश में कहा गया कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक पेटीएम पेमेंट्स बैंक को तत्काल प्रभाव से नए ग्राहकों को जोड़ने से रोका गया है। बैंक के खिलाफ यह एक्शन बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949 के सेक्शन 35ए के तहत है।

पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर लगाए गए इस प्रतिबंध के बाद बैंक के मौजूदा ग्राहकों में चिंता पैदा हो गई है। लेकिन बता दे कि आरबीआई के आदेश में कहीं पर भी यह उल्लेख नहीं है कि बैंक पर नए ग्राहकों को जोड़ने को लेकर लगाए गए प्रतिबंध से मौजूदा ग्राहकों पर कोई असर होगा। रिजर्व बैंक के फैसले में सिर्फ नए ग्राहक को जोड़ने पर रोक लगाई गई है। यानि अगर आप पेटीएम पेमेंट्स बैंक के मौजूदा ग्राहक हैं तो आप पर इन निर्देशों का असर पड़ने की संभावना नहीं है।

आईटी ऑडिट टीम नियुक्त करने का भी निर्देश
रिजर्व बैंक पेटीएम पेमेंट्स बैंक को यह भी निर्देश है कि वह अपने आईटी सिस्टम का व्यापक सिस्टम ऑडिट करने के लिए एक आईटी ऑडिट टीम नियुक्त करे। आरबीआई आईटी ऑडिटर्स की रिपोर्ट का रिव्यू करेगा और उसके बाद फैसला करेगा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक को नए ग्राहकों को जोड़े जाने की अनुमति दी जाए या नहीं।

अगस्त 2016 में हुआ था गठन
पेटीएम पेमेंट्स बैंक का गठन अगस्त 2016 में हुआ था और इसने मई 2017 में औपचारिक रूप से अपना काम शुरू किया था। दिसंबर 2021 में पेटीएम पेमेंट्स बैंक को आरबीआई से शेड्यूल बैंक का दर्जा मिला था। शेड्यूल्ड बैंक का दर्जा मिलने से पेटीएम पेमेंट्स बैंक सरकारी और अन्य बड़े कॉरपोरेशन के रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल में हिस्सा ले सकेगा, प्राइमरी ऑक्शन में भी शामिल हो सकेगा। इसके अलावा फिक्स्ड रेट, वैरिएबल रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी के लिए भी भागीदार बन सकेगा।

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